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‘हौथी पीसी छोटे समूह’: ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने 'गलती से' पत्रकार के साथ यमन युद्ध की योजनाएं साझा की

   व्हाइट हाउस को इस गड़बड़ी पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, और सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा गलती कैसे हुआ और क्या ऐसा फिर से हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने एक चौंकाने वाली गलती की, जब उसने गलती से पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को यमन में हौथी सशस्त्र समूह पर हमलों के लिए गुप्त अमेरिकी सैन्य योजनाओं के बारे में एक निजी चैट समूह में जोड़ दिया। गोल्डबर्ग, जो  The Atlantic  के संपादक-इन-चीफ हैं, गलती से "हौथी पीसी छोटे समूह" नामक सिग्नल चैट समूह में शामिल हो गए, जहाँ वरिष्ठ अधिकारियों ने गुप्त सैन्य योजनाओं पर चर्चा की, जिसमें यमन में अमेरिकी हमलों की योजनाएं शामिल थीं। The Guardian  के अनुसार, इसमें शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिनमें उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड शामिल थे, जो सिग्नल ऐप का उपयोग करके अपनी रणनीति समन्वयित कर रहे थे। जबकि सिग्नल एन्क्रिप्टेड है, यह गुप्त जानकारी साझा करने के लिए अनुमोदित नहीं है। गोल्डबर्ग ने इस रिपोर्ट में कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि वह इस समूह में शामि...

EPF Rate Hike: ईपीएफओ के 7 करोड़ खाताधारकों को इस हफ्ते मिलेगी बड़ी सौगात, ब्याज दरों का होगा एलान


नई दिल्ली: इस हफ्ते ईपीएफओ (Employee Provident Fund Organization) के खाताधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है। लगभग 7 करोड़ खाताधारकों के लिए 2024-25 के लिए प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज दर का एलान इस हफ्ते किया जा सकता है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक, जो मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में होगी, 28 फरवरी 2025 यानी इस शुक्रवार को हो सकती है। इस बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर का निर्णय लिया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर 8.25% रही थी। यदि बाजार के अच्छे प्रदर्शन के चलते ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, तो इस वर्ष भी इसी दर को जारी रखा जा सकता है।

ईपीएफ पर ब्याज दर का इतिहास

  • 2023-24 में 8.25%
  • 2022-23 में 8.15%
  • 2021-22 में 8.10%

इसके अलावा, इस बैठक में Interest Stabilisation Reserve Fund बनाने की भी चर्चा हो सकती है। इसका उद्देश्य ईपीएफओ खाताधारकों को स्थिर रिटर्न देना है, चाहे बाजार में उतार-चढ़ाव हो या ईपीएफओ को अपने निवेश पर कम रिटर्न मिले। अगर सेंट्रल बोर्ड इसे मंजूरी दे देता है, तो यह योजना 2026-27 से लागू हो सकती है।

ईपीएफओ, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी स्कीम मानी जाती है। इसमें कर्मचारियों का हर महीने एक निश्चित हिस्सा प्रॉविडेंट फंड में जाता है और नियोक्ता भी इसका योगदान करता है। कर्मचारी इस पैसे को नौकरी छोड़ने, घर खरीदने, शादी, बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं।

यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने भविष्य के लिए इन फंड्स पर निर्भर रहते हैं।

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