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‘हौथी पीसी छोटे समूह’: ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने 'गलती से' पत्रकार के साथ यमन युद्ध की योजनाएं साझा की

   व्हाइट हाउस को इस गड़बड़ी पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, और सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा गलती कैसे हुआ और क्या ऐसा फिर से हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने एक चौंकाने वाली गलती की, जब उसने गलती से पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को यमन में हौथी सशस्त्र समूह पर हमलों के लिए गुप्त अमेरिकी सैन्य योजनाओं के बारे में एक निजी चैट समूह में जोड़ दिया। गोल्डबर्ग, जो  The Atlantic  के संपादक-इन-चीफ हैं, गलती से "हौथी पीसी छोटे समूह" नामक सिग्नल चैट समूह में शामिल हो गए, जहाँ वरिष्ठ अधिकारियों ने गुप्त सैन्य योजनाओं पर चर्चा की, जिसमें यमन में अमेरिकी हमलों की योजनाएं शामिल थीं। The Guardian  के अनुसार, इसमें शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिनमें उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड शामिल थे, जो सिग्नल ऐप का उपयोग करके अपनी रणनीति समन्वयित कर रहे थे। जबकि सिग्नल एन्क्रिप्टेड है, यह गुप्त जानकारी साझा करने के लिए अनुमोदित नहीं है। गोल्डबर्ग ने इस रिपोर्ट में कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि वह इस समूह में शामि...

नया आयकर विधेयक: संसद में पेश हो सकता है नया आयकर बिल, कानून बनने पर बदलेंगी ये बड़ी बातें


केंद्र सरकार आज संसद में नया आयकर विधेयक पेश कर सकती है। मोदी सरकार ने 7 फरवरी 2025 को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। यह नया कानून छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को बजट पेश करते समय इस नए विधेयक का जिक्र किया था।

नए आयकर विधेयक में क्या बदलाव होंगे?

इस नए आयकर विधेयक का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना है। इससे आम लोगों को अधिक राहत मिलेगी और टैक्स नियमों का पालन करना आसान होगा। इस विधेयक में इन प्रमुख सुधारों की उम्मीद की जा रही है:

  1. टैक्स नियमों का सरलीकरण – जटिल टैक्स नियमों को हटाकर, नई व्यवस्था को अधिक आसान बनाया जाएगा।
  2. छूट और कटौतियों में बदलाव – टैक्स बचाने के लिए मिलने वाली छूट और कटौतियों को तर्कसंगत और स्पष्ट किया जाएगा।
  3. अनुपालन (Compliance) में सुधार – टैक्स रिटर्न भरने और अन्य प्रक्रियाएं ज्यादा सरल हो जाएंगी।
  4. विवाद समाधान प्रणाली को मजबूत करना – टैक्स से संबंधित मामलों को जल्दी और प्रभावी तरीके से हल करने के लिए एक नया सिस्टम लागू किया जाएगा।
  5. डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए प्रावधान – ऑनलाइन लेन-देन और डिजिटल व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए नए नियम बनाए जाएंगे।

पुराने कानून को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

वर्तमान आयकर अधिनियम 60 साल पुराना है और समय के साथ इसमें कई जटिलताएं आ गई हैं। इससे आम लोगों और कंपनियों के लिए टैक्स नियमों को समझना और लागू करना मुश्किल हो गया था। नया विधेयक इन समस्याओं को दूर करेगा और भारत के टैक्स सिस्टम को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।

टैक्स स्लैब में बदलाव

बजट 2025 के दौरान नए टैक्स स्लैब की घोषणा की गई थी, जो इस प्रकार हैं:

  • ₹4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
  • ₹4 लाख से ₹8 लाख तक – 5% टैक्स
  • ₹8 लाख से ₹12 लाख तक – 10% टैक्स
  • ₹12 लाख से ₹16 लाख तक – 15% टैक्स
  • ₹16 लाख से ₹20 लाख तक – 20% टैक्स
  • ₹20 लाख से ₹24 लाख तक – 25% टैक्स
  • ₹24 लाख से अधिक की आय पर – 30% टैक्स

पहले नो-टैक्स सीमा ₹7 लाख थी, जिसे बढ़ाकर ₹12 लाख कर दिया गया है। इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी और उनके हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा।

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