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‘हौथी पीसी छोटे समूह’: ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने 'गलती से' पत्रकार के साथ यमन युद्ध की योजनाएं साझा की

   व्हाइट हाउस को इस गड़बड़ी पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, और सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा गलती कैसे हुआ और क्या ऐसा फिर से हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने एक चौंकाने वाली गलती की, जब उसने गलती से पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को यमन में हौथी सशस्त्र समूह पर हमलों के लिए गुप्त अमेरिकी सैन्य योजनाओं के बारे में एक निजी चैट समूह में जोड़ दिया। गोल्डबर्ग, जो  The Atlantic  के संपादक-इन-चीफ हैं, गलती से "हौथी पीसी छोटे समूह" नामक सिग्नल चैट समूह में शामिल हो गए, जहाँ वरिष्ठ अधिकारियों ने गुप्त सैन्य योजनाओं पर चर्चा की, जिसमें यमन में अमेरिकी हमलों की योजनाएं शामिल थीं। The Guardian  के अनुसार, इसमें शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिनमें उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड शामिल थे, जो सिग्नल ऐप का उपयोग करके अपनी रणनीति समन्वयित कर रहे थे। जबकि सिग्नल एन्क्रिप्टेड है, यह गुप्त जानकारी साझा करने के लिए अनुमोदित नहीं है। गोल्डबर्ग ने इस रिपोर्ट में कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि वह इस समूह में शामि...

J&K Budget 2025: एलजी मनोज सिन्हा ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जिक्र भाषण में किया |


जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द मिल सकता है, क्या मौजूदा उमर अब्दुल्लाह सरकार ने इसके लिए पूरा होमवर्क कर लिया है?

समझें पूरी प्रक्रिया:

1. एलजी मनोज सिन्हा का भाषण:
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में 2025 के बजट सत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जिक्र किया, जिससे जम्मू कश्मीर के नागरिकों के लिए कई अधिकार और सुविधाएं वापस मिल सकती हैं। हालांकि, इस बयान से पूरी प्रक्रिया का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह एक सकारात्मक संकेत है कि राज्य के पुनर्गठन के बाद इसे विशेष दर्जा वापस मिल सकता है।

2. पूरी प्रक्रिया क्या होगी?
जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के लिए केंद्रीय सरकार के स्तर पर कई राजनीतिक और कानूनी कदम उठाने होंगे।

  • संविधान में संशोधन: इसके लिए भारतीय संविधान में कुछ संशोधन की आवश्यकता हो सकती है, खासकर अनुच्छेद 370 और 35A के संदर्भ में।
  • केंद्र सरकार की मंजूरी: केंद्र सरकार को इस प्रक्रिया को मंजूरी देनी होगी। यह प्रस्ताव संसद में चर्चा के बाद लाया जा सकता है, जहां लोकसभा और राज्यसभा दोनों में इसे पास कराना होगा।
  • राज्य की राजनीतिक स्थिति: जम्मू कश्मीर में सत्ता का संतुलन भी इस निर्णय को प्रभावित करेगा। उमर अब्दुल्ला की सरकार ने अपने शासन के दौरान राज्य के पूर्ण दर्जे के लिए कई बार आवाज उठाई है, और अब केंद्र सरकार से समर्थन मिलने के बाद यह कदम और तेज हो सकता है।

3. वर्तमान स्थिति:
उमर अब्दुल्ला की सरकार ने राज्य को पूर्ण दर्जा देने के लिए काफी प्रयास किए थे। अब, जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों और नागरिकों के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वह इस प्रक्रिया में किस हद तक शामिल हो सकते हैं। अगर केंद्र सरकार यह कदम उठाती है, तो यह राज्य के विकास और नागरिक अधिकारों में सुधार का एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

4. क्या यह कदम होगा?
पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से जम्मू कश्मीर में कई अधिकारों का पुनर्निर्माण हो सकता है, जैसे कि राज्य के विधानसभा चुनावस्वायत्तता, और विशेष राज्य का दर्जा। इससे जम्मू कश्मीर की स्थानीय सरकार को निर्णय लेने में ज्यादा स्वतंत्रता मिल सकती है और केंद्रीय कानूनों की कड़ी सीमाएं भी ढीली हो सकती हैं।

निष्कर्ष:
जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना अब एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यह राज्य के लिए विकास, स्वायत्तता और सामाजिक कल्याण के मामले में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया समय ले सकती है और इसमें कई राजनैतिक, कानूनी और संवैधानिक कदम शामिल होंगे।

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